| 1. | (३) बाह्य त्वचा मार्ग-तैल, अभ्यंग, लेप, लिनिमेंट रूप में.
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| 2. | (1) बाह्य त्वचा तथा (2) अंतस्त्वचा।
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| 3. | (1) बाह्य त्वचा तथा (2) अंतस्त्वचा।
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| 4. | इसकी उत्पत्ति बाह्य त्वचा (Ectoderm) या अंतस्त्वचा (Endoderm) से होती है तथा साधारणत:
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| 5. | शरीर का प्रथम बचाव बाह्य त्वचा और आंतरिक अंगों के चारों ओर की झिल्ली है।
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| 6. | नाखून बाह्य त्वचा के आन्तरिक भाग में उत्पन्न होते हैं तथा अंगुलियों के छोर......... > > नाखून
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| 7. | विशेष बात यह है कि यह तेल सौंठ की बाह्य त्वचा पर ही अधिकतर मात्रा में होता है ।
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| 8. | रोमकूप बाह्य त्वचा से अंदर की ओर आरंभ होता है, जहाँ यहलंबवत् या वक्र (तरंगित केशों में) कीप की तरह होता है.
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| 9. | गैस्टØला अवस्था के स्थापित होने के बाद, बाह्य त्वचा (ectoderm) और अंतर्जनस्तर के बीच ऊतक बनते हैं, जिसे मध्य जनस्तर कहते हैं।
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| 10. | जब तक प्राणी जीवित रहता है यह प्रतिरूप दिखलाई नहीं देता, क्योंकि यह बाह्य त्वचा को एक स्थूल परत से ढका रहता है।
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